Aarti

आरती

करहिं आरती आरति हर की।
रघुकुल कमल विपिन दिनकर की।।
आरती सीता राम-चरण की।
भरत, शत्रुघ्न, श्री लक्ष्मण की।।
कौशल्यादि मातु परिजन की।
 श्री दशरथ के जीवन-धन की।।

करहिं आरती आरति हर की।
रघुकुल कमल विपिन दिनकर की।।
आरती हनूमान बनरा की।
देवपुंज रघुवर उरवासी।।
दुष्ट दलन जय भवभय नासी।
 सकल सिद्धि सुख संपति रासी।।

करहिं आरती आरति हर की।
रघुकुल कमल विपिन दिनकर की।।
आरती राधा कृष्णचन्द्र की।
नन्द जशोदा गोपिवृन्द की।।
लक्ष्मी नारायण हरिहर की।

करहिं आरती आरति हर की।
रघुकुल कमल विपिन दिनकर की।। 
आरती शंकर पार्वती की।
गणपति दुर्गा सरस्वती की।।
 गंगा, यमुना, धेनुमती की।
 सकल सिद्धि सुख संपति रासी।।

करहिं आरती आरति हर की।
रघुकुल कमल विपिन दिनकर की।।

संकलनकर्ता- पण्डित कृष्ण शंकर दीक्षित